Tuesday, November 4, 2008

Tamanna, Khwaab, UmmeedeN,Iraday

ग़ज़ल

तमन्ना, ख्वाब, उम्मीदें, इरादे
इन्हें लेकर कहाँ जाऊं बता दे ।

मैं सच्चा हूँ तो कर इकरार मेरा
मैं झूठा हूँ तो जो चाहे सज़ा दे ।

तुही कातिल है और तू ही मसीहा
मुझे या ज़हर देदे या दवा दे ।

जो दीवाना है दीवाना रहेगा
इलाज उसका न कर, उसको दुआ दे ।

उसी को 'दोस्त' अपना जानियेगा
जो तेरी फ़िक्र में ख़ुद को भुला दे ।

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